Monday, June 24, 2024

Dreamland Publications #64 - Ramayana Part 12 FINAL PART (English)



Presenting the 12th and FINAL Episode in the Ramayana 12-issues Saga from Dreamland Publications. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Dreamland Publications #63 - Ramayana Part 11 (English)


Presenting the 11th Episode in the Ramayana 12-issues Saga from Dreamland Publications. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Thursday, June 20, 2024

Dreamland Publications #62 - Ramayana Part 10 (English)


Presenting the 10th Episode in the Ramayana 12-issues Saga from Dreamland Publications. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Dreamland Publications #61 - Ramayana Part 9 (English)


Presenting the 9th Episode in the Ramayana 12-issues Saga from Dreamland Publications. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Monday, June 17, 2024

Star One Comics 15 - Sarabhai V/S Sarabhai - Who is Going to Die (English)

In the line of sharing the Star One Comics of Sarabhai V/S Sarabhai - 

Here is the Third issue of the series, with this all the 4 published issues are available for your reading delight on this blog. 

It all started with Soniya's Prediction that a woman in the family with the name starting with 'M' is going to Die? Maya and Monisha both praying for each-others death is a height of hypocrisy in the Sarabhai family.

Based on the 15th Episode of the sitcom - 'Soniya's Prediction' - here is the comic book incarnation 

Read along - 

Disclaimer - The comics is the copyright content of the respected owners. As it is out of print and extremely hard to find. The sole purpose of sharing it online is to create awareness and love for the Indian comics. 

With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Sunday, June 9, 2024

हिंदी कथाएँ - मेरा नया ब्लॉग



विगत कुछ दिनों से मैं अपने नए ब्लॉग को अस्तित्व में लाने में व्यस्त था. आज आपके सामने इसे प्रस्तुत कर रहा हूँ. मनोरंजक और ज्ञानवर्धक लोकप्रिय हिंदी कथाओं के इस संग्रह में बचपन की यादें भी हैं, लोककथाओं की चासनी भी है, पुराणों की पवित्र वाणी भी है तो भारतीयता का रंग भी है; साथ ही दूसरे देशों की प्रसिद्ध लोककथाओं का तड़का भी है. 

अभी 31 कहानियों के साथ आपके सामने यह ब्लॉग प्रस्तुत है. नित नयी कथाओं के साथ ब्लॉग अपडेट होता रहेगा.

Monday, June 3, 2024

बचपन में पढ़ी कहानी 15 - नाम बड़ा या काम? (पुरुषोत्तम दास गुप्त)

एक गाँव में एक किसान रहता था। उसका नाम बुद्धराम था। वह बड़ा परिश्रमी और अपने काम में चतुर था। उसकी पत्नी को अपने पति का नाम पसंद नहीं था। एक दिन उसने अपने पति से कहा, "तुमसे मैं कब से कह रही हूँ कि अपना नाम बदल लो। पर तुम सुनते ही नहीं हो। मेरी सहेलियाँ तुम्हारे इस नाम के कारण मुझे चिढ़ाती रहती हैं। मुझे भी तुम्हारा यह नाम अच्छा नहीं लगता।"

बुद्धराम ने कहा, "क्या पागल जैसी बात करती है? नाम से क्या होता है? काम बड़ी चीज है। तू ही देख, तेरा नाम तो शांति है पर झगड़ती रहती है बात-बात पर ।"

शांति ने कहा, "तुम चाहे जो समझो। अगर तुम अपना नाम नहीं बदलोगे, तो मैं अपने मायके चली जाऊँगी।" बुद्धराम ने गुस्से में आकर कहा, "तू मेरे पास रहे या न रहे तेरी इच्छा। कल जा रही तो आज ही चली जा। मैं अपना नाम क्यों बदलूँ ? मेरे माता-पिता ने मेरा जो नाम रखा है, वही रहेगा।" शांति को गुस्सा आ गया। उसने उसी समय घर छोड़ दिया और मायके की राह ली।


रास्ते में उसे एक स्त्री मिली। उसके सिर पर घास का गट्ठर था। वह घसियारी थी। शांति ने उसका नाम पूछा, उसने बताया, "राजरानी"। शांति आगे बढ़ गई। वह सोचती जाती थी, "नाम तो राजरानी और बेचती है घास। इसे कोई दूसरा नाम नहीं मिला रखने को !"

वह आगे चली तो उसने दूर एक पालकी आती हुई देखी। पालकी को चार कहार कंधों पर रखकर ला रहे थे। आगे-आगे दो-चार नौकर-चाकर चल रहे थे। पास आने पर शांति ने एक नौकर से पूछा, "पालकी में कौन है, भैया?" नौकर ने उत्तर दिया, "सरदारपुर की राजकुमारी गरीबबाई। वे अपने मायके जा रही हैं।" शांति चुप न रह सकी, "कैसी विचित्र बात है। हैं तो राजकुमारी, पर नाम है गरीबबाई। कोई अच्छा-सा नाम रखा होता। आदमी क्या उत्तर देता ?" वह चुप रहा।

शांति कदम बढ़ाती गई। सामने से एक दुबला-पतला आदमी भागा जा रहा था। वह घबराया हुआ था। शांति ने उससे पूछा, "क्या बात है भैया ? क्यों भागते जा रहे हो ?" उसने उत्तर दिया। "क्या बताऊँ बहिन, वह जो आदमी मेरे पीछे आ रहा है, आज उसने मुझे खूब पीटा है। वह फिर भी पीछा नहीं छोड़ रहा है।" "क्या नाम है उसका?" शांति ने पूछा। उसने कहा, "कोमलचंद।" "और तुम्हारा नाम क्या है?" शांति ने पूछा। उसने उत्तर दिया, "शेरसिंह।" शांति बिना हँसे न रह सकी। वह मन ही मन बोली, "वाह रे भगवान ! तेरी लीला विचित्र है। शेरसिंह, गीदड़ की तरह भागा जा रहा है और कोमलचंद उसका पीछा कर रहा है। नाम और काम में कोई मेल ही नहीं है।"

पर शांति फिर भी लौटी नहीं। वह एक शहर में से जा रही थी। मार्ग में एक हवेली के सामने सैकड़ों भिखारी एकत्र थे। एक सेठजी उनको रुपया-पैसा भोजन-वस्त्र बाँट रहे थे। शांति से रहा न गया। वह उस भीड़ के पास पहुँची। उसने एक भिखारी से पूछा, "यह सब क्या हो रहा है?" उसने उत्तर दिया, "इन सेठजी का जन्म-दिन है आज। इसी खुशी में दान-दक्षिणा दे रहे हैं। तुमको चाहिए, तो यहीं खड़ी रहो, कुछ-न-कुछ मिल ही जाएगा।"

शांति बोली, "बाबा, मुझे कुछ नहीं चाहिए। इन सेठजी का नाम क्या है ?" भिखारी ने कहा, "फकीरचन्द शाह।" नाम सुनकर शांति सन्न रह गई। उसने फिर पूछा, "दादा बुरा न मानो तो एक बात और बता दो। तुम्हारा नाम क्या है?" वह बोला, "नाम पूछने में बुरा क्यों मानूँगा। मेरा नाम दाताराम है ।" नाम सुनना था कि शांति का दिमाग चक्कर खाने लगा। वह वहीं बैठ गई और सोचने लगी, "नामों में बड़ी गड़बड़ी है। फकीरचंद दान दे रहे हैं, दाताराम भीख ले रहे हैं। राजरानी को घास बेचते देखा और गरीबबाई को पालकी में सवार । शेरसिंह को दुम दबाए भागते देखा और कोमलचंद को उसका पीछा करते हुए। सब कुछ उल्टा-ही-उल्टा। यदि मेरे पति का नाम बुद्धराम है, तो क्या बुरा है? नाम से क्या ? हैं तो चतुर और समझदार।"

इतना सोचकर शांति घर की ओर लौट पड़ी। उसका पति खेत से लौटकर आया ही था कि शांति पहुँच गई। उसने जाते ही पति के पैर पकड़ लिए और भरे गले से कहा, "मुझे माफ कर दो। नाम को लेकर मैंने तुम्हारा दिल दुखाया, मैंने बहुतों के नाम पूछे। तुम ठीक कहते हो कि नाम से क्या है, काम बड़ी चीज है। मेरी भूल थी कि मैं नाम को ही सब कुछ समझती थी। आदमी काम से बड़ा होता है, नाम से नहीं।"

बचपन में पढ़ी कहानी 14 - सपूत ( पुरुषोत्तम दास गुप्त )


  एक कुएँ पर कुछ स्त्रियाँ पानी भर रही थीं। इन्हीं में चार स्त्रियाँ सरस्वती, मैना, गिरिजा और फूलवती थीं। चारों के एक-एक पुत्र था। पानी भरते-भरते बातें चल पड़ीं। वे अपने-अपने पुत्रों के गुणों की प्रशंसा करने लगीं।

सरस्वती कुछ पढ़ी-लिखी थी। पहले वही बोली, "मेरा बेटा ज्ञानचंद बड़ा विद्वान है। उसे हजारों श्लोक मुखाग्र हैं। मैं तो ऐसा बेटा पाकर खुश हूँ।"

 मैना पढ़ी लिखी तो न थी, पर गाने-बजाने का उसे बड़ा शौक था। उसने अपने पुत्र मोहन को संगीत सिखाया था। सरस्वती की बात सुनकर मैना चुप न रह सकी। कंगनों पर हाथ फेरते हुए उसने कहा, "भगवान ने मुझे जैसा बेटा दिया है, वैसा सबको दे। मोहन के गले की तारीफ मैं तुमसे क्या करूँ?" जब वह तान छेड़ता है। तो लोग वाह-वाह कर उठते हैं।"

         गिरिजा मैना की बात बड़े ध्यान से सुन रही थी। उन दोनों के बेटों की प्रशंसा वह सहन न कर सकी। करधनी ठीक करते हुए बड़े गर्व के साथ उसने कहा, "तुम लोगों ने जो कहा, सो तो ठीक है, पर मेरे गणेश की बात कुछ और है। वह बहुत बलवान है। उसकी बराबरी का पहलवान दूर-दूर तक नहीं है।"

         अब बोलने की बारी फूलवती की थी। पर वह चुप रही। उसने अपने बेटे के गुण नहीं गाए। सरस्वती ने कहा, "बहन तुम्हारे भी तो एक बेटा है। तुम क्यों मौन हो ?"

फूलवती को मौन तोड़ना पड़ा। वह बड़ी नम्रता से बोली, "मैं क्या कहूँ दीदी! मेरा राम न विद्वान है, न गायक है और न पहलवान है। उसमें ऐसा कोई गुण नहीं है, जैसा तुम लोगों के बेटों में है। वह तो सीधा-सादा है।"

इन चारों स्त्रियों की बातें एक वृद्धा सुन रही थी। वह भी पनघट पर पानी भरने आई थी। अब तक वे पानी भर चुकी थीं। उन्होंने अपने-अपने घड़े उठाए और घर की राह ली। वृद्धा के पीछे-पीछे चलने लगीं। वे कुछ ही कदम चली थी कि सरस्वती का बेटा ज्ञानचंद जोर-जोर से श्लोकों का उच्चारण करता हुआ निकल गया। सरस्वती ने अपनी साथिनों की तरफ बड़े अभिमान से देखा।

वे कुछ आगे बढ़ीं। कोई बड़े सुरीले कंठ से गाता हुआ आ रहा था। उसके पास आ जाने पर उन्होंने देखा कि वह मैना का बेटा मोहन था। मैना अपने बेटे की सुरीली तान सुनकर बहुत खुश हुई। मोहन गाता हुआ आगे निकल गया।

वे आगे बढ़ती गईं। सबने देखा कि एक नौजवान अकड़ता हुआ सामने आ रहा था। उसकी चाल में हाथी जैसी मस्ती थी। उसका सीना तना हुआ था। गिरिजा ने अभिमान के साथ बताया कि वह उसका बेटा गणेश है। गणेश अपनी मस्ती में इन सबके पास से होता हुआ निकल गया।

          वे कुछ और आगे चलीं तो उन्हें एक नवयुवक दिखा। वह जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाता हुआ लपककर

उनके पास आया। उसने फूलवती के सिर पर से पानी का बर्तन ले लिया। उसने यह बर्तन अपने कंधे पर रखा और इनके आगे-आगे चलने लगा। वह फूलवती का बेटा राम था।

 वृद्धा उनके साथ चल ही रही थी। वह यह सब कुछ देखती सुनती आ रही थी। मैना ने उससे कहा, "माँजी, तुमने हमारे बेटे देखे। तुम्हीं बताओ सबसे अच्छा बेटा किसका है ?"

 वृद्धा ने धीरज के साथ उत्तर दिया, "कहाँ.. मैंने तो तुम लोगों के बेटे देखे ही नहीं। हाँ, मुझे तो एक ही बेटा दिख रहा है, वह जो कंधे पर घड़ा लेकर आगे-आगे जा रहा है। मेरे विचार में वही बेटा है, वही सपूत है।"

वृद्धा की बात सुनकर तीनों का घमंड चूर हो गया। बात भी सच है। सपूत वही है जो अपने माता-पिता की सेवा करता है।

Wednesday, May 29, 2024

Star One Comics 14 - Sarabhai V/S Sarabhai - The Lesson (English)

In the line of sharing the Star One Comics of Sarabhai V/S Sarabhai - 

Here is the second issue of the series.

Saahil is angry with the carelessness and stupidity of Monisha and this is the time that the lady should learn some real life lessons. 

Read along - 

Disclaimer - The comics is the copyright content of the respected owners. As it is out of print and extremely hard to find. The sole purpose of sharing it online is to create awareness and love for the Indian comics. 

With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Monday, May 20, 2024

Star One Comics 13 - Sarabhai V/S Sarabhai - Saahil's Dilemma (English)

In the line of sharing the Star One Comics of Sarabhai V/S Sarabhai - 

Here is the first issue of the series based on the first episode of the sitcom.

Saahil got frustrated from the hypocrisy of his family and ran away to Goa. There he met a not so popular writer and his tale translated to a best seller novel. 

Read along - 

Disclaimer - The comics is the copyright content of the respected owners. As it is out of print and extremely hard to find. The sole purpose of sharing it online is to create awareness and love for the Indian comics. 

With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Saturday, May 18, 2024

Star One Comics 16 - Sarabhai V/S Sarabhai - The Cleanliness Drive

Just few days ago, I have posted an article on the Star TV Comics - 

Here is one of them -  
Sarabhai V/S Sarabhai - The Cleanliness Drive
(It has been posted by me during 2020, but later removed it from the blog due to some issues)

Meanwhile, this is a comical representation of the best sitcom ever produced on Indian Television i.e. Sarabhai Vs. Sarabhai 

If you have loved the show, you will also like the comics - given it should have been in Hindi and not in the English - as sometimes it feels hard to connect with them due to the language difference. 


Disclaimer - The comics is the copyright content of the respected owners. As it is out of print and extremely hard to find. The sole purpose of sharing it online is to create awareness and love for the Indian comics. 

With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Tuesday, May 14, 2024

SB कॉमिक्स (SB Comics) @ The ICE Project Blog



कुछ दिन पहले अपने कॉमिक्स संग्रह में मुझे SB कॉमिक्स के नाम से एक कॉमिक्स नजर आयी. इसका संभवतः पहला अंक मेरे पास है जिसका कवर यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ. एकमात्र और कवर मुझे नेट पर मिला है, जिसको भी यहाँ शेयर कर रहा हूँ. 

आपमें से जिस मित्र के पास इसके और अंक हों या जानकारी हो तो कृपया शेयर करें ताकि इस दुर्लभ प्रकाशन के बारे में जानकारी से भरा एक पोस्ट तैयार किया जा सके. 

जानकारी यहाँ कमेंट के माध्यम से शेयर करें 

स्टार टीवी कॉमिक्स @ The ICE Project Blog


ICE प्रोजेक्ट ब्लॉग पर स्टार टीवी कॉमिक्स पर एक पोस्ट तैयार है आपके लिए. 

कृपया नीचे दिए गए लिंक पर विजिट करें और इस दुर्लभ प्रकाशन के बारे में अपनी जानकारी में वृद्धि कीजिये तथा शानदार कवर्स का आनंद लेवें. 



Wednesday, May 1, 2024

Dreamland Publications #60 - Ramayana Part 8 (English)


Presenting the 6th Episode in the Ramayana 12-issues Saga from Dreamland Publications. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Dreamland Publications #59 - Ramayana Part 7 (English)


Presenting the 6th Episode in the Ramayana 12-issues Saga from Dreamland Publications. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Dreamland Publications #58 - Ramayana Part 6 (English)


Presenting the 6th Episode in the Ramayana 12-issues Saga from Dreamland Publications. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Sunday, April 28, 2024

Dreamland Publications #57 - Ramayana Part 5 (English)



Presenting the 5th Episode in the Ramayana 12-issues Saga from Dreamland Publications. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

CGPPN - Thakur Pyarelal Singh (ठा. प्यारेलाल सिंह)



शीर्षक - ठा. प्यारेलाल सिंह 

श्रृंखला - छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित - छत्तीसगढ़ की विभूतियों के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंगों पर आधारित चित्रकथा. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

CGPPN - Pt. Ravishankar Shukla (पं. रविशंकर शुक्ल)


शीर्षक - पं. रविशंकर शुक्ल 
श्रृंखला - छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित - छत्तीसगढ़ की विभूतियों के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंगों पर आधारित चित्रकथा. 


With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Wednesday, April 17, 2024

Dreamland Publications #55 and #56 - Ramayana Part 3 and Part 4 (English)

On the blessed ocassion of Shri Ram Navami, presenting the two parts of Dreamland Publications Ramayana 

Here are the issues #03 and #04

With Love Anupam Agrawal and The ICE Project

Monday, January 22, 2024

Dreamland Publications #53 and #54 - Ramayana Part 1 and Part 2 (English)





I have posted covers of the 12 parts Dreamland Publications Ramayana (though in English and unfortunately not in Hindi) and also shared first 2 parts with you which I am sharing again for the continuation.  

Say with Pride – “Jai Shri Ram”