Tuesday, November 6, 2012

Old and discontinued One Thousand Rupee Bank Note of India

क्या आप जानते हैं की वर्तमान में प्रचलित एक हजार रुपये के बैंक नोट के पहले भी भारत में इस मूल्य के बैंक नोट प्रचलित रह चुके हैं। ना केवल एक हजार बल्कि भारत में पांच और दस हजार के रुपये भी मुद्रित हुए थे। जरा सोचिये उस वक्त इन नोट की क्या अहमियत होती थी होगी।

खैर पांच और दस हजार के बारे में फिर कभी, आज बात करते हैं एक हजार के इन पुराने नोटों के बारे में।

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा एक हजार का सबसे पहला बैंक नोट जारी किया गया था 1 अप्रेल 1954 को, जिसमे बी रामा राव के हस्ताक्षर थे गवर्नर के रूप में। पीछे तंजौर ब्रिहदेश्वर मंदिर का चित्र इस नोट में मुद्रित किया गया था।

एक झलक इस नोट की प्रस्तुत है -


इसी नोट में हिंदी में सुधार और रंग पर्तिवर्तन के साथ मुद्रित किया गया था, जो की 1967 तक जारी हुए थे।
इन नोट्स में क्रमशः  B.RAMA RAU, H.V.R. IYENGAR और P.C. BHATTACHARYA के हस्ताक्षर गवर्नर के रूप में थे।



आठ वर्ष के अंतराल के पश्चात डिजाइन में परिवर्तन के साथ 1975 से 1977 तक इन्हें पुनः जारी किया गया। इस बार गवर्नर थे - N.C.SENGUPTA और K.R.PURI .



और फिर बढ़ते हुए काले धन और नकली नोट के खतरे को ध्यान में रखते हुए इन बड़े मूल्य के बैंक नोट का प्रचलन बंद कर दिया गया था। और पूरे  तेईस बीस साल बाद इनका प्रकाशन महात्मा गाँधी सीरिज के तहत चालु किया गया जो हम आज प्रयोग कर रहे हैं।

एक कॉमिक्स साईट में शायद ये लेख आपको न लुभायें, परन्तु मैंने विचार किया है की अब अपने ब्लॉग को मैं किसी एक क्षेत्र तक सिमित नहीं रखकर उसमे कुछ अलग विषयों पर लिखते रहूँगा।
अपने सुझाव और विचारों से अवगत करवाएं।

Thursday, November 1, 2012

Gandhi Commemoration Issues (1969)

This post might be disliked by many of the visitors here because this blog has been all about comics, but now I have decided to post non-comics related post here too.

Hope you friends will support the initiative, and I promise that it will not replace the original motif of the blog - our beloved comics.

In 1969 on the occasion of birth centenary of Mahatma Gandhi ji - Gandhi Commemoration issues of all the running denomination (Rs. 1, 2, 5,10, 100) were released in India. By that time Rs. 20 & Rs. 50 were not started.

Here is a sneak peak of those issues.









Note - Images are meant for information purposes only.

Thursday, May 17, 2012

असली हार का फैसला (भारतीय लोककथा)


नेत्रहीन युवती का प्रेम (भारतीय लोककथा)


राजा का सवाल (भारतीय लोककथा)


तारा और सात भाई (भारतीय लोककथा)


भीतर का भय (भारतीय लोककथा)

 

चतुर बिल्ली और दर्पण (चीनी लोककथा)


बीरबल की खिचड़ी (भारतीय लोककथा)


चिड़े का छल (भारतीय लोककथा)


दो रोटियाँ (भारतीय लोककथा)


Wednesday, May 9, 2012

AMOR Classics - Ramayana Volume 1

Ramayana is an epic and the religious book of Hindus. The epic has inspired not only common people but creative geniuses alike. The epic has been transformed into every genre be it novels, movies, documentaries, cartoons, TV series or comics.

In the 1988 when this epic incarnated into a mega TV series, the same year AMOR Classics has published few volumes on Ramayana. 

Fortunately I have been able to get the first volume (and the only volume I am having) with the help of Ajay Misra Sir.

So here I am sharing the first volume of Ramayana which deals with the Balakanda and Ayodhyakanda.

Tuesday, May 1, 2012

I am 5 Celebration #4 - पवन कॉमिक्स - थारू का कुआं

I am 5 Celebration
क्या कहा,
पार्टी का मेनू ख़त्म, अरे नहीं जनाब. कुछ देर और रुकिए. एक और दुर्लभ चित्रकथा बस परोसे जाने के लिए तैयार की जा रही है.


पुनः पवन कॉमिक्स से थारू का कुआं

गाँव में स्थित थारु के कुएं के पास के बरगद के पेड़ से आने लगी ढोलक की आवाजें, और पेड़ से टपकता खून. क्या था रहस्य

अरे हाँ एक बात और - कवर देखकर कंफ्युस मत होना, अन्दर कहानी राजा-रानी की नहीं आज के आधुनिक युग और चोर-पुलिस वाली है. इसे कहते हैं कवर कुछ और और उपहार कुछ और. बर्थडे में कभी आपके साथ ऐसा हुआ है. शायद हुआ हो हैं न.!!!

खैर डाउन लोड कीजिये और पढ़िए - पवन कॉमिक्स - थारू का कुआं

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I am 5 Celebration #3 - पवन कॉमिक्स - परी का विवाह.


I am 5 Celebration
आई ऍम 5 का सेलिब्रेशन जारी है.
आज के बर्थडे पार्टी की अगली ट्रीट है - एक और दुर्लभ चित्रकथा. (आखिर पुराने और दुर्लभ किताब ही तो इस ब्लॉग की पहचान हैं)

पवन कॉमिक्स - परी का विवाह.

इन्द्र देवता के श्राप से पत्थर बनी परीलोक की राजकुमारी. श्राप को पूरा करने के तीन शर्त. पृथ्वीलोक का बहादुर युवक उस स्वप्न परी को पाने के लिए तीनों शर्तें पूरी करने चल पड़ा. आगे क्या हुआ जानने के लिए डाउनलोड करें और पढ़ें पवन कॉमिक्स के गौरवशाली दिनों की चित्रकथा - परी का विवाह

तो बर्थडे के साथ-साथ परी राजकुमारी और प्रताप के विवाह का भी मजा लीजिये. :-)

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Wednesday, April 18, 2012