Friday, November 22, 2019

मीना की कहानियाँ 04- बेटियों की देखरेख

वर्ष 2002 में यूनिसेफ (UNICEF) ने भारतीय उपमहाद्वीप में व्याप्त सामाजिक बुराइयों जैसे लिंग-भेद, निरक्षरता, अस्वच्छता, बाल-विवाह जैसे अनेक संवेदनशील विषयों के प्रति बच्चों को जागृत करने के उद्देश्य से मीना नमक चरित्र की रचना की थी और उस पर आधारित पुस्तकें, शैक्षणिक सामग्रियों, विडियो और सामूहिक मंच का आयोजन किया था. 

'बेटियों के देखरेख' नाम से प्रस्तुत यह कहानी भारतीय समाज में लड़कियों के चिकित्सा (इलाज़) में परिवार की उदासीनता को प्रदर्शित करती है. आ  है आपको अवश्य पसंद आएगी...और सकारात्मक सोच का विकास करेगी 

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