कोरोना वायरस के कारण पूरी दिनचर्या ख़त्म सी हो गयी है, घर में जरूर बैठा हूँ पर कुछ करने का मन ही नहीं है. हर पल आती नयी-नयी खबरें जहाँ कभी डरा जाती हैं तो कभी सावधानी के लिए प्रेरित कर जाती हैं.
अजीब यह है कि पूरी दुनिया में मौत का खौफ छाया है और 'आविष्कारकर्त्ता' (जी हाँ मैं तो इसे चीन का षड़यंत्र ही मानता हूँ कि जो वायरस वुहान से पूरे विश्व में फ़ैल गया, वो उसकी खुद की राजधानी तक नहीं जा पाया), खैर चीन पर भरोसा करने की कीमत भारत आज तक भुगत रहा है.
खैर, चलिए सामाजिक दूरियों के इस पल में अपनों के साथ समय बिताएं और अपने घर के लोगों के साथ इन घड़ियों का आनंद लें, आखिर परिवार ही सब कुछ है. कुछ ऐसी ही भावना इस कहानी की भी है (आप लोगों ने मीडास टच के बारे में पढ़ा भी होगा)
तो डाउनलोड कीजिये - खुद पढ़िए सबको पढ़ने प्रेरित कीजिये, खासकर घर के बच्चों को - जो किताबों को भूल से बैठे हैं...
बहुत बहुत धन्यबाद अनुपम भाई ।घर में रहे सेफ रहे जल्दी ही सब ठीक होगा ।
ReplyDeleteबृजेश भाई - शुक्रिया, घर पर ही रहना होता है अभी तक दो बार बस निकला हूँ घर से. एक बार राशन और एक बार दवाइयों के लिए. विश्व को इस दुविधा से जल्द छुटकारा मिले और ये चीन वाले बर्बाद हो जाएँ.
DeleteThnx Anupam sir iss rare issue ke liye.
ReplyDeleteWelcome Sandeep Bhai, I do hope you like this kind of books. Anyway I have shared a unique one today. Do have a look.
DeleteThank you Anupam Bhai iss sunhari peshkash ke liye. Nirash mat hona, jald hi haalat kabu me honge aur fir sab accha hoga...
ReplyDeleteशुक्रिया अमोल भाई, निराश नहीं हूँ पर हताशा तो होती है जब उत्तरदायी देश खुल चुका है और बाकी विश्व बर्बाद होते बैठा है. चीन में 74 हजार ठीक हो गए और दुनिया मिलके 60 हजार के करीब. तो भय तो होता है क्योंकि चीन पूरी दुनिया का दुश्मन है और खासकर भारत का यह बात किसी से छिपी नहीं है.
DeleteThanxs Anupam bhai.
ReplyDeleteधन्यवाद !!!!!!!!!!!!!!!!
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