UNICEF द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप में व्याप्त सामाजिक बुराइयों के प्रति बच्चों को जागृत करने के उद्देश्य से मीना रचित चरित्र की इस कथा में एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसके पुत्र-पुत्रवधू की संतान होने वाली है. होने वाले दादाजी लड़के की चाहत रखते हैं और यह मानते हैं कि केवल लड़का ही नाम उंचा कर सकता है.
आगे क्या होता है, पढ़िए और मजा लीजिये
आप भी डाउनलोड करके आनंद लीजिये -
Thanks for this different book !!!
ReplyDeleteThenxs anupam bhai.
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